दिल होश से बेगाना बेगाने को क्या कहिए

दिल होश से बेगाना बेगाने को क्या कहिए
चुप रहना ही बेहतर है दीवाने को क्या कहिए

कुछ भी तो नहीं देखा और कूच की तैयारी
यूँ आने से क्या हासिल यूँ जाने को क्या कहिए

मजबूर हैं सब अपनी उफ़्ताद तबीअत से
हो शम्अ से क्या शिकवा परवाने को क्या कहिए

तुझ से ही मरासिम हैं तुझ से ही गिला होगा
बेगाने से क्या लेना बेगाने को क्या कहिए

माना कि वसी शाह से तुम को हैं बहुत शिकवे
दीवाना है दीवाना दीवाने को क्या कहिए..!!

~वसी शाह

Leave a Reply