गर्मी ए हसरत ए नाकाम से जल जाते हैं
गर्मी ए हसरत ए नाकाम से जल जाते हैं हम चराग़ों की तरह शाम से …
गर्मी ए हसरत ए नाकाम से जल जाते हैं हम चराग़ों की तरह शाम से …
गँवाई किस की तमन्ना में ज़िन्दगी मैं ने वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी …
किस एहतियात से उसने नज़र बचाई है ज़माना अब भी समझता है आशनाई है, मेरे …
जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी मैं तो आवाज़ हूँ आवाज़ की हिजरत कैसी …
बात करते है ख़ुशी की भी तो रंज़ के साथ वो हँसाते भी है ऐसा …
कभी कहा न किसी से तेरे फ़साने को न जाने कैसे ख़बर हो गई ज़माने …
साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं एक नदी के दो किनारों को …
चेहरा देखें तेरे होंठ और पलकें देखे दिल पे आँखे रखे और तेरी साँसे देखें, …
शबनम है कि धोखा है कि झरना है कि तुम हो दिल दश्त में एक …