वो शख़्स कि मैं जिस से मोहब्बत नहीं…
वो शख़्स कि मैं जिस से मोहब्बत नहीं करता हँसता है मुझे देख के नफ़रत …
वो शख़्स कि मैं जिस से मोहब्बत नहीं करता हँसता है मुझे देख के नफ़रत …
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझ को भूल …
उसे मना कर ग़ुरूर उस का बढ़ा न देना वो सामने आए भी तो उस …
सारी बस्ती में ये जादू नज़र आए मुझको जो दरीचा भी खुले तू नज़र आए …
किया इश्क था जो बाइसे रुसवाई बन गया यारो तमाम शहर तमाशाई बन गया, बिन …
गर्मी ए हसरत ए नाकाम से जल जाते हैं हम चराग़ों की तरह शाम से …
गरेबाँ दर गरेबाँ नुक्ता आराई भी होती है बहार आए तो दीवानों की रुस्वाई भी …
फ़सुर्दगी का मुदावा करें तो कैसे करें वो लोग जो तेरे क़ुर्ब ए जमाल से …
एक जाम खनकता जाम कि साक़ी रात गुज़रने वाली है एक होश रुबा इनआ’म कि …