पाबंदियों से अपनी निकलते वो पा न थे
पाबंदियों से अपनी निकलते वो पा न थे सब रास्ते खुले थे मगर हम पे वा न थे, …
पाबंदियों से अपनी निकलते वो पा न थे सब रास्ते खुले थे मगर हम पे वा न थे, …
हाए लोगों की करम फ़रमाइयाँ तोहमतें बदनामियाँ रुस्वाइयाँ, ज़िंदगी शायद इसी का नाम है दूरियाँ, मजबूरियाँ, तन्हाइयाँ, क्या …