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हैरतों के सिलसिले सोज़ ए निहाँ तक आ गए..

हैरतों के सिलसिले सोज़

हैरतों के सिलसिले सोज़ ए निहाँ तक आ गए हम नज़र तक चाहते थे तुम तो जाँ तक …

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मैंने कहा कि दिल में तो अरमान हैं बहुत…

zahar ke ghoont bhi hans hans ke piye jate hai

मैंने कहा कि दिल में तो अरमान हैं बहुत उस ने कहा कि आप तो नादान हैं बहुत, …

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मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ…

मैं तकिए पर सितारे

मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ जन्म दिन है अकेला रो रहा हूँ, किसी ने झाँक कर …

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मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी…

muhtaz hamsafar ki masafat na thi meri

मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी सब साथ थे किसी से रिफ़ाक़त न थी मेरी, हक़ किस …

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मुझे ऐसा लुत्फ़ अता किया कि जो हिज़्र था न विसाल था..

aisa lutf ataa kiya ki jo naa hizr tha na visal tha

मुझे ऐसा लुत्फ़ अता किया कि जो हिज्र था न विसाल था मेरे मौसमों के मिज़ाज दाँ तुझे …

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मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुम…

teri khushiyo ka sabab yaar koi aur hai na

मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुमऔर ज़हन ओ ख़्यालों में हो सिर्फ तुम, कुछ नहीं है …

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ठोकरें खा के सँभलना नहीं आता है मुझे…

thokare khaa kar bhi mujhe sambhla nahi aata

ठोकरें खा के सँभलना नहीं आता है मुझे चल मेरे साथ कि चलना नहीं आता है मुझे, अपनी …

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तू मुझ को जो इस शहर में लाया नहीं होता…

tu mujhko jo is shahar me laya nahi hota

तू मुझ को जो इस शहर में लाया नहीं होता मैं बे सर ओ सामाँ कभी रुस्वा नहीं …

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तुम कुछ भी करो होश में आने के नहीं हम…

tum kuch bhi karo hosh me aane ke nahi ham

तुम कुछ भी करो होश में आने के नहीं हम हैं इश्क़ घराने के ज़माने के नहीं हम, …

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तुम्हें उससे मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते…

tumhe usse mohabbat hai to himmat kyun nahi

तुम्हें उससे मोहब्बत है तो हिम्मत क्यूँ नहीं करते किसी दिन उसके दर पे रक़्स ए वहशत क्यूँ …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे