जाने क्यूँ आजकल तुम्हारी कमी अखरती है बहुत
जाने क्यूँ आजकल तुम्हारी कमी अखरती है बहुत यादो के बंद कमरे में ज़िन्दगी सिसकती है बहुत, पनपने …
जाने क्यूँ आजकल तुम्हारी कमी अखरती है बहुत यादो के बंद कमरे में ज़िन्दगी सिसकती है बहुत, पनपने …
ये सोचा नहीं है कि किधर जाएँगे मगर हम अब यहाँ से गुज़र जाएँगे, इसी खौफ़ से रातों …
भीतर भीतर आग भरी है बाहर बाहर पानी है तेरी मेरी, मेरी तेरी सब की यही कहानी है, …
ऐ मेरी क़ौम के लोगो ज़रा होशियार हो जाओउठो अब नींद से जागो के अब बेदार हो जाओ, …
कुछ चलेगा ज़नाब, कुछ भी नहीं चाय, कॉफ़ी, शराब, कुछ भी नहीं, चुप रहे तो कली लगे वो …
हर रिश्ता यहाँ बस चार दिन की कहानी है अंज़ाम ए वफ़ा आँखों से बहता हुआ पानी है, …
जी चाहे तो शीशा बन जा, जी चाहे पैमाना बन जा शीशा पैमाना क्या बनना ? मय बन …
घने बादलो से जो कभी थोड़ी धूप निकलती रहती आसरे उम्मीद के मुमकिन है ज़िन्दगी चलती रहती, हुस्न …
क्या करेंगे आप मेरे दिल का मंज़र देख कर ख़ामखा हैरान होंगे एक समन्दर देख कर, ये अमीरों …
हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है खैर छोड़ो ! अब तो इन्सान लेते है, इश्क़ ने ऐसी …