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शरीक ए आलम ए कैफ़ ओ सुरूर….

शरीक ए आलम ए

शरीक ए आलम ए कैफ़ ओ सुरूर मैं भी था कि रात जश्न में तेरे हुज़ूर मैं भी …

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मुझे तन्हाई के ग़म से बचा लेते तो…

मुझे तन्हाई के ग़म

मुझे तन्हाई के ग़म से बचा लेते तो अच्छा था सफ़र में हमसफ़र अपना बना लेते तो अच्छा …

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सुबह तक मैं सोचता हूँ शाम से…

subah tak sochta hoon sham se

सुबह तक मैं सोचता हूँ शाम से जी रहा है कौन मेरे नाम से, शहर में सच बोलता …

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नदी के पार उजाला दिखाई देता है

नदी के पार उजाला

नदी के पार उजाला दिखाई देता है मुझे ये ख़्वाब हमेशा दिखाई देता है, बरस रही हैं अक़ीदत …

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ज़बाँ है मगर बे ज़बानों में है….

ज़बाँ है मगर बे

ज़बाँ है मगर बे ज़बानों में है नसीहत कोई उसके कानों में है, चलो साहिलों की तरफ़ रुख़ …

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वो सर फिरी हवा थी सँभलना पड़ा मुझे

Bazmeshayari_512X512

वो सर फिरी हवा थी सँभलना पड़ा मुझे मैं आख़िरी चराग़ था जलना पड़ा मुझे, महसूस कर रहा …

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सुना है ये जहाँ अच्छा था पहले…

Bazmeshayari_512X512

सुना है ये जहाँ अच्छा था पहले ये जो अब दश्त है दरिया था पहले, जो होता कौन …

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न जिस्म साथ हमारे न जाँ हमारी तरफ़

न जिस्म साथ हमारे

न जिस्म साथ हमारे न जाँ हमारी तरफ़ है कुछ भी हम में हमारा कहाँ हमारी तरफ़, खड़े …

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चलो वो इश्क़ नहीं चाहने की आदत है

chalo wo ishq nahi chahne ki adat hai

चलो वो इश्क़ नहीं चाहने की आदत है पर क्या करें हमें एक दूसरे की आदत है, तू …

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मेरे दिल में जब कोई मलाल होता है…

मेरे दिल में जब कोई

मेरे दिल में जब कोई मलाल होता है तुम क्या जानो मेरा कैसा हाल होता है, मेरी हर …

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एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

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नवीनतम प्रकाशित अश'आर / ग़ज़ल

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है