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तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया

tarif us khuda ki jisne jahan banaya

तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी से बेल बूटे …

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जी भर कर रोने को करता है दिल…

jee bhar kar rone ko karta hai dil

जी भर कर रोने को करता है दिल आज पलकें भिगोने को करता है दिल, नहीं मालूम कुछ …

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इलाज़ ए शीशा ए दिल करूँ मिले…

ilaz e shisha e dil karoon mile jo sishagar koi

इलाज़ ए शीशा ए दिल करूँ मिले जो शीशा गर कोई कोई मिला नहीं इधर, मिलेगा क्या उधर …

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जब इक्कीस बरस गुज़रे आज़ादी…

jab ikkis baras guzre azadi e kamil ko

जब इक्कीस बरस गुज़रे आज़ादी ए कामिल को तब जा के कहीं हमको ‘ग़ालिब’ का ख़याल आया, तुर्बत …

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वो इंसाँ जो शिकार ए गर्दिश ए अय्याम…

वो इंसाँ जो शिकार

वो इंसाँ जो शिकार ए गर्दिश ए अय्याम होता है भला करता है दुनिया का मगर बदनाम होता …

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सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है

soormaao ko sar e aam se dar lagta hai

सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है अब इंक़लाब को अवाम से डर लगता है, हमीं …

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ज़िक्र उस परीवश का और फिर…

ziqr us pariwash ka aur fir bayan uska

ज़िक्र उस परीवश का और फिर बयां अपना बन गया रकीब आख़िर था जो राज़दां अपना, मय वो …

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दर्द मिन्नत कश ए दवा न हुआ…

dard minnat kash e dawa naa hua

दर्द मिन्नत कश ए दवा न हुआ मैं न अच्छा हुआ, बुरा न हुआ, जमा करते हो क्यूँ …

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यहाँ किसी को आवाज़ कहाँ उठाने…

यहाँ किसी को आवाज़

यहाँ किसी को आवाज़ कहाँ उठाने देता है कोई ज़रा सी आवाज़ करो तो गला दबा देता है …

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तेरी हर बात चल कर भी यूँ मेरे जी से आती है

तेरी हर बात चल

तेरी हर बात चल कर भी यूँ मेरे जी से आती है कि जैसे याद की ख़ुशबू किसी …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे