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जिनकी सूरत पे तुम्हारा सारा शहर मरता है…

Image_ghoonghat

ये जो बात बात में उन हसीन आँखों की बात करते होवो उन आँखों में हमारा अक्स रखते …

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ताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है…

Bazme_ishara

मुझ में है खामियाँ मुज़रिम बता रहे हैताअज्ज़ुब है अँधे आईना दिखा रहे है, ज़ुल्म तो ये है …

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तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ में

Bazme_waiting

तू कर ले नज़र अंदाज़ अभी अपने अंदाज़ मेंहम हँसते हुए तेरे ज़ुल्म ओ सितम सह जाएँगे, मगर …

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जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले गए ?

ek bhatke hue lashkar ke siwa kuch bhi nahi

ये भी कोई उसूल था ? तुम क्यों चले गए ?जब मुझको सब क़ुबूल था, तुम क्यों चले …

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हसीन रुत में…उदास क्यों हो ?

Love_Bazme2

हसीन रुत में गुलाब चेहरोंमुझे बताओ उदास क्यों हो ? दिलो पे बीती हुई कहानीमुझे सुनाओ उदास क्यों …

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सवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं रहा ?

Bazme_thinking

सवाल ये नहीं कि वो पुकार क्यों नहीं रहासवाल है कि उसको ऐतबार क्यों नहीं रहा ? ये …

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शायद समझ ही न पाए ज़माना मुहब्बत..

Bazme_haqiqat

हकीक़त है या फ़साना मुहब्बतपतंगे का ख़ुद को जलाना मुहब्बत जो तारीफ़ ए फ़रहाद शिरीन से पूछेतो बोली …

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जवाब उसका नहीं है कोई लाज़वाब है वो

Bazme_beauti

ग़ज़ल का हुस्न और गीत का शबाब है वोनशा है जिसमे सुखन का वही शराब है वो उसे …

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ऐसा कोई लम्हा होता जिसमे तन्हा होते हम !

Bazme_Love1

ऐसा कोई लम्हा होता जिसमे तन्हा होते हमचुपके चुपके करते बातें यूँ न रुसवा होते हम, पूरा हर …

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हजारो बार सोचोगे हमें तहरीर करने तक

is tarah sataya hai pareshan kiya hai

हमें दरियाफ़त करने से हमें तसखीर करने तकबहुत है मरहले बाक़ी, हमें जंज़ीर करने तक, हमारे हिज़्र के …

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने