हिज़्र में खून रुलाते हो, कहाँ होते हो ?
हिज़्र में खून रुलाते हो, कहाँ होते हो ? लौट कर क्यूँ नहीं आते हो, …
हिज़्र में खून रुलाते हो, कहाँ होते हो ? लौट कर क्यूँ नहीं आते हो, …
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले, क़फ़स …
यूँ उम्र भर रहे बेताब देखने के लिये किसी कँवल का हंसीं ख़ाब देखने के …
एक अरसे से जमीं से लापता है इन्किलाब कोई बतलाये कहाँ गायब हुआ है इन्किलाब, …
गुलों में रंग न खुशबू, गरूर फिर भी है नशे में रूप के वो चूर-चूर …
अश्क आँखों में छुपाते हुए थक जाता हूँ बोझ पानी का उठाते हुए थक जाता …
तुम जैसे तो लाखो ही थे, है और भी आएँगे मगर हम जैसे तुम्हे बहुत …
आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं कल की ख़बर …
तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है मिसाल-ए-रंग वो झोंका नज़र भी …
एक पगली मेरा नाम जो ले शरमाये भी घबराये भी गलियों गलियों मुझसे मिलने आये …