फिर झूम उठा सावन फिर काली घटा छाई…
फिर झूम उठा सावन फिर काली घटा छाई फिर दर्द ने करवट ली फिर याद …
फिर झूम उठा सावन फिर काली घटा छाई फिर दर्द ने करवट ली फिर याद …
चेहरे का ये निखार मुक़म्मल तो कीजिए ये रूप ये सिंगार मुक़म्मल तो कीजिए, रहने …
किसी तरंग किसी सर ख़ुशी में रहता था ये कल की बात है दिल ज़िन्दगी …
ज़िन्दगी पाँव न धर ज़ानिब ए अंज़ाम अभी मेरे ज़िम्मे है अधूरे से कई काम …
कभी ख़ामोश रहोगी कभी कुछ बोलोगी हमें भुलाना भी चाहो तो भूला ना पाओगी, कोई …
बेटी का दर्द… मुझे इतना प्यार न दो बाबा कल जितना मुझे नसीब न हो, …
चिड़ियाँ होती है बेटियाँ मगर पंख नहीं होते बेटियों के, मायके भी होते है,ससराल भी …
फ़लक पे चाँद के हाले भी सोग करते हैं जो तू नहीं तो उजाले भी …
बेलौस हँसी दिखाना, दिल से निभाना हर रिश्ता यहाँ मुस्कान पर अपने पराये सभी का …