मावरा ए जहाँ से आए हैं
आज हम ख़ुमसिताँ से आए हैं,
इस क़दर बे-रुख़ी से बात न कर
देख तो हम कहाँ से आए हैं
हम से पूछो चमन पे क्या गुज़री
हम गुज़र कर ख़िज़ाँ से आए हैं,
रास्ते खो गए ज़ियाओं में
ये सितारे कहाँ से आए हैं ?
इस क़दर तो बुरा नहीं जालिब
मिल के हम उस जवाँ से आए हैं..!!
~हबीब जालिब

























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