जो दिख रहा है उसी के अंदर जो…

जो दिख रहा है उसी के अंदर
जो अनदिखा है वो शायरी है,

जो कह सका था वो कह चुका हूँ
जो रह गया है वो शायरी है,

ये शहर सारा तो रौशनी में
खिला पड़ा है सो क्या लिखूँ मैं ?

वो दूर जंगल की झोंपड़ी में
जो एक दिया है वो शायरी है,

दिलों के माबैन गुफ़्तुगू में
तमाम बातें इज़ाफ़तें हैं,

तुम्हारी बातों का हर तवक़्क़ुफ़
जो बोलता है वो शायरी है,

तमाम दरिया जो एक समुंदर में
गिर रहे हैं तो क्या अजब है,

वो एक दरिया जो रास्ते में ही
रह गया है वो शायरी है..!!

~अहमद सलमान

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