जिसे हो ख्वाहिश ए दुनियाँ उसे संसार मिल जाए
मुझे तो फक़त तुम और तुम्हारा प्यार मिल जाए,
तुम्हारे नाम मैं लिख दूँ चाँद, सितारा और सूरज
मुझे नसीब लिखने का अगर अधिकार मिल जाए,
मुझे कोयल नहीं भाये, मुझे बुलबुल नहीं भाये
तुम्हारे बोल सुनने को अगर एक बार मिल जाए,
ना कश्ती की, न साहिल की हो मुझे ख्वाहिश
तुम्हारे प्यार की गहरी गर मुझे मंझधार मिल जाए,
ना जीने की, ना मरने की फ़िक्र बाक़ी रहे कोई
तुम्हारे चाँद सी सूरत का अगर दीदार मिल जाए..!!