आग बहते हुए पानी में लगाने आई

आग बहते हुए पानी

आग बहते हुए पानी में लगाने आई तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई, फिर तेरी याद

हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है….

hamne kaise yahan guzari hai

हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है अश्क खुनी है आह ज़ारी है, हम ही पागल थे जान दे बैठे

मैंने माना कि तुम ज़ालिम नहीं हो मगर

मैंने माना कि तुम

मैंने माना कि तुम ज़ालिम नहीं हो मगर क्या मालूम था कि हम तुमसे डर जाएँगे, तेरी याद

उम्र कहते है जिसे साँसों की एक जंज़ीर है

halaat the kharab yaa main kharab tha

उम्र कहते है जिसे साँसों की एक जंज़ीर है चश्म ए बीना में हर के लम्हा नई तस्वीर

हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले

हमें कोई गम न था

हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से

हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है…

hamne suna tha farishte jaan lete hai

हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है खैर छोड़ो ! अब तो इन्सान लेते है, इश्क़ ने ऐसी

हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे

har ek rooh me ek gam

हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे ये ज़िन्दगी तो कोई बद्दुआ लगे है मुझे,

हर शख्स का जीना यहाँ आसान नहीं है…

har shakhs ka jina yahan

हर शख्स का जीना यहाँ आसान नहीं है मुश्किल से मिले वो जो परेशान नहीं है, हर शख्स

हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे

har ek shakhs pareshan o dar badar saa lage

हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे ये शहर मुझको तो यारो कोई भँवर सा लगे,

रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर…

रोज़मर्रा वही सब ख़बर

रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक