सदाक़त का जो पैग़म्बर रहा है

sadaqat ka jo paigambar raha hai

सदाक़त का जो पैग़म्बर रहा है वो अब सच बोलने से डर रहा है, कहानी हो रही है

होश वालों को ख़बर क्या बे ख़ुदी क्या चीज़ है

hosh walon ko khabar kya be khudi kya cheej hai

होश वालों को ख़बर क्या बे ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है,

दो जवां दिलों का ग़म दूरियाँ समझती हैं

do javan dilon ka gam dooriyan samjhti hain

दो जवां दिलों का ग़म दूरियाँ समझती हैं कौन याद करता है हिचकियाँ समझती हैं, तुम तो खुद

कोई जो रहता है रहने दो मस्लहत का शिकार

koi jo rahta hai rahne do maslhat ka shikar

कोई जो रहता है रहने दो मस्लहत का शिकार चलो कि जश्न ए बहाराँ मनाएँगे सब यार, चलो

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी

kisi ka yun to hua kaun umr bhar fir bhi

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब

इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं

in aankhon ki masti ke mastane hazaron hain

इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों से वाबस्ता अफ़्साने हज़ारों हैं, एक तुम ही

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

khushboo jaise log mile afsane me

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में, शाम के साए बालिश्तों से नापे

ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के साए में ज़िंदगी गुज़ारी है

zulf o rukh ke saaye me zindagi guzari hai

ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के साए में ज़िंदगी गुज़ारी है धूप भी हमारी है छाँव भी हमारी है, ग़म

आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई

aankh bhar aayi kisi se jo mulaqaat hui

आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई, दिन भी

ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है

taaqate tumhari aur khuda humara hai

ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है अक्स पर न इतराओ आईना हमारा है, आप की ग़ुलामी का