सुल्ह की हद तक सितमगर आ गया

sulah ki had tak sitamgar aa gaya

सुल्ह की हद तक सितमगर आ गया आइने की ज़द में पत्थर आ गया, आग तो सुलगी थी

सर पटकती रही दश्त ए ग़म की हवा

sar patakti rahi dasht e gam ki

सर पटकती रही दश्त ए ग़म की हवा उन की यादों के झोंके भी चलते रहे शाम से

बस एक तेरे ख़्वाब से इंकार नहीं है

bas ek tere khwab se inkaar nahin hai

बस एक तेरे ख़्वाब से इंकार नहीं है दिल वर्ना किसी शय का तलबगार नहीं है, आँखों में

याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बाद

yaad karte ho mujhe suraj nikal jaane ke baad

याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बाद एक सितारे ने ये पूछा रात ढल जाने के

हम को लुत्फ़ आता है अब फ़रेब खाने में

hum ko lutf aata hai ab fareb khaane me

हम को लुत्फ़ आता है अब फ़रेब खाने में आज़माएँ लोगों को ख़ूब आज़माने में, दो घड़ी के

हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं

haath pakad le ab bhi tera ho sakta hoon

हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूँ मैं भीड़ बहुत है इस मेले में खो सकता

हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता

humesha dil me rahta hai

हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता जिसे पाया नहीं जाता उसे खोया नहीं जाता, कुछ

ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारी

aisa lagta hai samjhdar hai duniya saari

ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारी मैं हूँ इस पार तो उस पार है दुनिया सारी, इस

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है

hungama hai kyun barpa thodi see jo

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की

आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते

aankhen mujhe talwo se wo malne nahi

आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते अरमान मेरे दिल के निकलने नहीं देते, ख़ातिर से तेरी