जीवन मुझ से मैं जीवन से शरमाता हूँ

jivan mujh se main jivan se sharmata hoon

जीवन मुझ से मैं जीवन से शरमाता हूँ मुझ से आगे जाने वालो में आता हूँ, जिन की

फ़ैज़ और फ़ैज़ का ग़म भूलने वाला है कहीं

faiz aur fazi ka gam bhulne wala hai kahin

फ़ैज़ और फ़ैज़ का ग़म भूलने वाला है कहीं मौत ये तेरा सितम भूलने वाला है कहीं, हम

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह

aag hai faili hui kaali ghataao ki jagah

आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह बद दुआएँ हैं लबों पर अब दुआओं की जगह, इंतिख़ाब

अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है

afsos tumhen kaar ke shishe ka hua hai

अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है परवाह नहीं एक माँ का जो दिल टूट गया है,

बातें तो कुछ ऐसी हैं कि ख़ुद से भी न की जाएँ

baaten to kuch aisi hai ki khud se bhi na kee jaayen

बातें तो कुछ ऐसी हैं कि ख़ुद से भी न की जाएँ सोचा है ख़मोशी से हर एक

उस रऊनत से वो जीते हैं कि मरना ही नहीं

us ranaut se wo jite hain ki marna hi nahin

उस रऊनत से वो जीते हैं कि मरना ही नहीं तख़्त पर बैठे हैं यूँ जैसे उतरना ही

वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा

wo dekhne mujhe aana to chahta hoga

वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा मगर ज़माने की बातों से डर गया होगा, उसे था शौक़

फिर कभी लौट कर न आएँगे

fir kabhi laut kar na aayenge

फिर कभी लौट कर न आएँगे हम तेरा शहर छोड़ जाएँगे, दूर उफ़्तादा बस्तियों में कहीं तेरी यादों

अब तेरी ज़रूरत भी बहुत कम है मेरी जाँ

ab teri zarurat bhi bahut kam hai

अब तेरी ज़रूरत भी बहुत कम है मेरी जाँ अब शौक़ का कुछ और ही आलम है मेरी

दिल ए पुर शौक़ को पहलू में दबाए रखा

dil e pur shauk ko pahlu me dabaye rakha

दिल ए पुर शौक़ को पहलू में दबाए रखा तुझ से भी हम ने तेरा प्यार छुपाए रखा,