जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये…
जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे कमीशन दो तो हिंदुस्तान को नीलाम कर देंगे, …
जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे कमीशन दो तो हिंदुस्तान को नीलाम कर देंगे, …
घर में ठंडे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है बताओ कैसे लिख दूँ धूप फागुन की नशीली है …
उनका दावा, मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया पर हकीक़त ये है मौसम और बदतर हो गया, बंद …
सियासी महाभारत में इसके पात्र सारे आ गए योगगुरु भागे कहीं तो कहीं अन्ना हजारे आ गए, ठाकरे …
आदमी केवल वहम में तानता है शर्तियाँ औकात वो अपनी जानता है, रहनुमाई झूठ की कर ले मगर …
क़ुदरत का करिश्मा भी क्या बेमिसाल है चेहरे सफ़ेद काले पर खून सबका लाल है, हिन्दू है यहाँ …
इस बहते हुए लहू में मुझे तो बस इन्सान नज़र आ रहा है लानत हो तुम पे तुम्हे …
ऐसा अपनापन भी क्या जो अज़नबी महसूस हो साथ रह कर भी गर मुझे तेरी कमी महसूस हो, …
पानी के उतरने में अभी वक़्त लगेगा हालात सँवरने में अभी वक़्त लगेगा, मच्छर से, कोरोना से अभी …
किए वादों का निभाना बाक़ी है और अभी उनको मनाना बाक़ी है, मुझे अपना भी समझना बाक़ी है …