सुनो मादर-ए-हिन्द के नौ-निहालो

suno madar e hind ke nau nihaalo

सुनो मादर-ए-हिन्द के नौ-निहालो सदाक़त पे गर्दन कटा लेने वालो उठो ख़्वाब-ए-ग़फ़लत मिटा लो मिटा लो कमर-बस्ता हो

गो ख़ाक हो चुका है हिन्दोस्ताँ हमारा

go khaaq ho chuka hai hindostaan humara

गो ख़ाक हो चुका है हिन्दोस्ताँ हमारा फिर भी है कुल जहाँ में पल्ला गराँ हमारा मुँह तक

स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने

swaraj ka jhanda bharat me gadwa diya gaandhi baba ne

स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने दिल क़ौम-ओ-वतन के दुश्मन का दहला दिया गाँधी

कोई सिपाही नहीं बच सका निशानों से

koi sipahi nahi bach saka nishano se

कोई सिपाही नहीं बच सका निशानों से गली में तीर बरसते रहे मकानों से, ये बर्बादी अचानक से

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है

ab koi gulshan na ujde ab watan

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है रूह गंगा की हिमाला का बदन आज़ाद है, खेतियाँ

गली गली यूँ मोहब्बत के ख़्वाब बेचूँगा

gali gali yun mohabbat ke khwab

गली गली यूँ मोहब्बत के ख़्वाब बेचूँगा मैं रख के रेढ़ी पे ताज़ा गुलाब बेचूँगा, रही जो ज़िन्दगी

दुख में नीर बहा देते थे सुख में हँसने लगते थे

dukh me neer baha dete the

दुख में नीर बहा देते थे सुख में हँसने लगते थे सीधे सादे लोग थे लेकिन कितने अच्छे

फूलों का कुंज ए दिलकश भारत में एक बनाएँ

phoolon ka kunj e

फूलों का कुंज ए दिलकश भारत में एक बनाएँ हुब्ब ए वतन के पौधे इस में नए लगाएँ,

मेंरी सदा है गुल ए शम् ए शाम ए आज़ादी

meri sada hai gul

मेंरी सदा है गुल ए शम् ए शाम ए आज़ादी सुना रहा हूँ दिलों को पयाम ए आज़ादी,

नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है

naqoos se garaz hai

नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्ताँ से है