ठीक है कि ये जहाँ मुद्दत से उर्यानी पे था
ठीक है कि ये जहाँ मुद्दत से उर्यानी पे था पर किसे यूँ नाज़ कल तक चाक दामानी …
ठीक है कि ये जहाँ मुद्दत से उर्यानी पे था पर किसे यूँ नाज़ कल तक चाक दामानी …
दिल मेरा रक़्साँ है जब से अक़्ल इस शोरिश में है लर्ज़िश ए पा आसमाँ या ये जहाँ …
जाने क्यूँ बर्बाद होना चाहता है सूरत ए फ़रहाद होना चाहता है, ज़ेहन से आख़िर में अब थक …
मैं न कहता था कि शहरों में न जा यार मेरे सोंधी मिट्टी ही में होती है वफ़ा …
मेरे लबों पे उसी आदमी की प्यास न हो जो चाहता है मेरे सामने गिलास न हो, ये …
जब मेरे होंठों पे मेरी तिश्नगी रह जाएगी तेरी आँखों में भी थोड़ी सी नमी रह जाएगी, सरफिरा …
ग़म इसका कुछ नहीं है कि मैं काम आ गया ग़म ये है कि क़ातिलों में तेरा नाम …
हमारी वजह ए ज़वाल क्या है ? सवाल ये है हराम क्या है, हलाल क्या है ? सवाल …
कितनी मोहब्बतों से पहला सबक़ पढ़ाया मैं कुछ न जानता था सब कुछ मुझे सिखाया, अनपढ़ था और …
नेक बच्चे दिल से करते हैं अदब उस्ताद का बाप की उल्फ़त से बेहतर है ग़ज़ब उस्ताद का, …