आँखे बन जाती है सावन की घटा शाम के बाद…
आँखे बन जाती है सावन की घटा शाम के बाद लौट जाता है अगर कोई खफ़ा शाम के …
आँखे बन जाती है सावन की घटा शाम के बाद लौट जाता है अगर कोई खफ़ा शाम के …
कोई हसीन मंज़र आँखों से जब ओझल हो जाएगा मुझको पागल कहने वाला ख़ुद ही पागल हो जाएगा, …
तभी तो मैं मुहब्बत का कही हवालाती नहीं होता जहाँ अपने सिवा कोई शख्स मुलाक़ाती नहीं होता, गिरफ्तार …
मैं रातें जाग कर अक्सर वो यादें झाँक कर अक्सर निशाँ जो छोड़ देती है मेरी ही ज़ात …
मेरे दोस्त, ऐ मेरे प्यारे अभी बात है अधूरी अभी चाँदनी है बाक़ी अभी रात है अधूरी, वही …
चाँद यूँ कुछ देर को आते हो चले जाते हो मेरी नज़रों से छुप कर बादलो में शरमाते …
एक हकीकी ख़्वाब हुआ तेरा साथ सराब हुआ, सब अंदेशे कमाल थे मुक़म्मल हुए, पैकर ए ज़माल थे, …
मैंने पल भर में यहाँ लोगो को बदलते हुए देखा है ज़िन्दगी से हारे हुए लोगो को जीतते …
इस तसल्ली से बरसते है आँसू तेरे सामने कि तेरा हाथ मेरे रुखसार को तो आएगा, तेरे चाहने …
जिधर देखते है हर तरफ गमो के अम्बार देखते है हर किसी को रंज़ ओ अलम में गिरफ्तार …