हिज्र के मौसम ए तन्हाई के दुख देखे

hizr ke mausam e tanhai ke dukh dekhe

हिज्र के मौसम ए तन्हाई के दुख देखे एक चेहरे के पीछे कितने दुख देखे, एक सन्नाटा पहरों

रात दरपेश थी मुसाफ़िर को

raat darpesh thi musafir ko

रात दरपेश थी मुसाफ़िर को नींद क्यों आ गई मुसाफ़िर को ? क्या नगर है ये दिल दिखाई

ख़याल ओ ख़्वाब में होना सदा ए बाद में रहना

khyal o khwab me hona sada e baad me rahna

ख़याल ओ ख़्वाब में होना सदा ए बाद में रहना किसी की आस में जीना किसी की याद

उजाड़ आँखों में रत जगों का अज़ाब उतरा है नीम शब को

ujaad aankhon me rat jago ka azaab utra hai

उजाड़ आँखों में रत जगों का अज़ाब उतरा है नीम शब को जो दर्द जागा है शाम ढलते

कोई साया अच्छे साईं धूप बहुत है

koi sayaa achche saaee dhoop bahut hai

कोई साया अच्छे साईं धूप बहुत है मर जाऊँगा अच्छे साईं धूप बहुत है, साँवली रुत में ख़्वाब

जहाँ वहम ओ गुमाँ हो जाएगा क्या

jahan vaham o gumaan ho jayega kya

जहाँ वहम ओ गुमाँ हो जाएगा क्या यहाँ सब कुछ धुआँ हो जाएगा क्या ? सितारे धूल और

वो दूर ख़्वाबों के साहिलों में अज़ाब किस के हैं ख़्वाब किस के

wo door khwabon ke sahilon me azaab kis ke hain

वो दूर ख़्वाबों के साहिलों में अज़ाब किस के हैं ख़्वाब किस के ये कौन जाने कि अब

दिल को तेरे ध्यान में रखा

dil ko tere dhayn me rakha

दिल को तेरे ध्यान में रखा शोर सूने मकान में रखा, हर तरफ़ आइने बिछाए और एक चेहरा

जिन्हें हम कह नहीं पाए वो बातें याद आती हैं

jinhen hum kah nahi paaye wo baaten yaad aati hain

जिन्हें हम कह नहीं पाए वो बातें याद आती हैं गुज़शता ना मुलाक़ातों की यादें याद आती हैं,

गलियों की बस ख़ाक उड़ा के जाना है

galiyon ki bas khaaq uda ke jana hai

गलियों की बस ख़ाक उड़ा के जाना है हम को भी आवाज़ लगा के जाना है, रस्ते में