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Love Poetry

होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी

होती है तेरे नाम

होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी बरहम हुई है यूँ भी तबीअत कभी कभी, ऐ दिल …

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वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं

वो दिलनवाज़ है लेकिन

वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं ज़बाँ पर …

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कुछ यादगार ए शहर ए सितमगर ही ले चलें

कुछ यादगार ए शहर

कुछ यादगार ए शहर ए सितमगर ही ले चलें आए हैं उस की गली में तो पत्थर ही …

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झूठ का बोलना आसान नहीं होता है

झूठ का बोलना आसान

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बाद यही …

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उस ने यूँ रास्ता दिया मुझको

उस ने यूँ रास्ता

उस ने यूँ रास्ता दिया मुझको रास्ते से हटा दिया मुझको दूर करने के वास्ते ख़ुद से ख़ुद …

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उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा

उम्र भर सीने में

उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा एक बेनाम से रिश्ते को निभाए रखा, था मुझे वहम …

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दूसरा फ़ैसला नहीं होता

हसीं चेहरों से सूरत

दूसरा फ़ैसला नहीं होता इश्क़ में मशवरा नहीं होता, ख़ुद ही सौ रास्ते निकलते हैं जब कोई रास्ता …

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वो बेवफ़ा है उसे बेवफ़ा कहूँ कैसे

वो बेवफ़ा है उसे

वो बेवफ़ा है उसे बेवफ़ा कहूँ कैसे बुरा ज़रूर है लेकिन बुरा कहूँ कैसे ? जो कश्तियों को …

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नई पोशाक पहने है पुराने ख़्वाब की हसरत

नई पोशाक पहने है

नई पोशाक पहने है पुराने ख़्वाब की हसरत मैं हँस कर टाल देती हूँ दिल ए बेताब की …

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वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे

वो काश मान लेता

वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे तो रास्तो के पेच का होता न डर मुझे, बेशक ये …

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने