तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया
तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी …
तारीफ़ उस ख़ुदा की जिसने जहाँ बनाया कैसी हसीं ज़मीं बनाई क्या आसमां बनाया, मिट्टी …
क़ुदरत का करिश्मा भी क्या बेमिसाल है चेहरे सफ़ेद काले पर खून सबका लाल है, …
बात अब करते है क़तरे भी समंदर की तरह लोग ईमान बदलते है कलेंडर की …
जो नेकी कर के फिर दरिया में उसको डाल जाता है वो जब भी दुनिया …
लेता हूँ उस का नाम भी आह ओ बुका के साथ कितना हसीन रिश्ता है …
रह के मक्कारों में मक्कार हुई है दुनिया मेरे दुश्मन की तरफ़दार हुई है दुनिया, …
किस तवक़्क़ो’ पे क्या उठा रखिए ? दिल सलामत नहीं तो क्या रखिए ? लिखिए …
हम वक़्त ए मौत को तो हरगिज़ टाल न पाएँगे हम ख़ाली हाथ आए है …
ऐ मेरी क़ौम के लोगो ज़रा होशियार हो जाओउठो अब नींद से जागो के अब …