चिश्ती ने जिस ज़मीं में पैग़ाम ए हक़ सुनाया

chisti ne jis zamin

चिश्ती ने जिस ज़मीं में पैग़ाम ए हक़ सुनाया नानक ने जिस चमन में वहदत का गीत गाया,

दिल सोज़ से खाली है, निगह पाक नहीं है

dil soz se khaali nigah paaq nahi hai

दिल सोज़ से खाली है, निगह पाक नहीं है फिर इसमें अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है,

अफ़लाक से आता है नालों का जवाब…

aflaq se aata hai naalo ka jawab aakhir

अफ़लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब आख़िर, अहवाल ए

अनोखी वज़अ है सारे ज़माने से निराले हैं

anokhi vazaa hai saare jahan se nirale hai

अनोखी वज़अ है सारे ज़माने से निराले हैं ये आशिक कौन सी बस्ती के या रब ! रहने

अजब वायज़ की दींदारी है या रब !

azab wayaz ki deedari hai ya rab

अजब वायज़ की दींदारी है या रब ! अदावत है इसे सारे जहाँ से, कोईअब तक न यह

ज़माना आया है बेहिजाबी का आम…

zamana-aaya-hai-behizabi

ज़माना आया है बेहिजाबी का आम दीदार ए यार होगा सुकूत था पर्दादार जिसका वो राज़ अब आश्कार

ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या है…

Bazmeshayari_512X512

ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या हैकि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ मेरी इंतिहा क्या

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ….

Bazmeshayari_512X512

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँमिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ, सितम हो कि हो वादा-ए-बे-हिजाबीकोई बात सब्र-आज़मा

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं…

Bazmeshayari_512X512

सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी से नहीं ये

लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा कर…

Bazmeshayari_512X512

लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा करहो जाएगी तेरी मुश्किल आसान पढ़ा कर, पढ़ने के लिए अगर