दिल सोज़ से खाली है, निगह पाक नहीं है
दिल सोज़ से खाली है, निगह पाक नहीं है फिर इसमें अजब क्या कि तू …
दिल सोज़ से खाली है, निगह पाक नहीं है फिर इसमें अजब क्या कि तू …
अफ़लाक से आता है नालों का जवाब आख़िर करते हैं ख़िताब आख़िर उठते हैं हिजाब …
अनोखी वज़अ है सारे ज़माने से निराले हैं ये आशिक कौन सी बस्ती के या …
अजब वायज़ की दींदारी है या रब ! अदावत है इसे सारे जहाँ से, कोईअब …
ज़माना आया है बेहिजाबी का आम दीदार ए यार होगासुकूत था पर्दादार जिसका वो राज़ …
ख़िर्द-मंदों से क्या पूछूँ कि मेरी इब्तिदा क्या हैकि मैं इस फ़िक्र में रहता हूँ …
तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँमिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ, सितम हो कि हो …
सितारों से आगे जहाँ और भी हैंअभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं, तही ज़िंदगी …
लिखना नहीं आता तो मेरी जान पढ़ा करहो जाएगी तेरी मुश्किल आसान पढ़ा कर, पढ़ने …