सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं

suna hai log use aankh bhar ke dekhte hain

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की

is qadar musalsal thi shiddaten

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की, वर्ना अब

ये शहर सेहर ज़दा है सदा किसी की नहीं

ye shahar sehar zada hai

ये शहर सेहर ज़दा है सदा किसी की नहीं यहाँ ख़ुद अपने लिए भी दुआ किसी की नहीं,

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

yusuf-na-the-magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए ख़ुश फहमियाँ ये थी कि ख़रीदार आ गए, आवाज़

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए

तुझ से बिछड़ के

तुझ से बिछड़ के हम भी मुक़द्दर के हो गए फिर जो भी दर मिला है उसी दर

तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही

तुझे है मश्क़ ए

तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही तुझे है मश्क़ ए सितम का मलाल वैसे ही

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े…

tum apne akido ke neze

तुम अपने अक़ीदों के नेज़े हर दिल में उतारे जाते हो, हम लोग मोहब्बत वाले हैं तुम ख़ंजर

सभी कहें मेरे ग़मख़्वार के अलावा भी

sabhi kahe mere gamkhwar ke alawa bhi

सभी कहें मेरे ग़मख़्वार के अलावा भी कोई तो बात करूँ यार के अलावा भी, बहुत से ऐसे

ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी

gairat e ishq salamat thi ana zinda thi

ग़ैरत ए इश्क़ सलामत थी अना ज़िंदा थी वो भी दिन थे कि रह ओ रस्म ए वफ़ा

दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों

dil bhi bujha ho sham ki

दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों मर जाइये जो ऐसे में तन्हाइयाँ भी हों, आँखों