उसे हम पा ही लेते बस ज़रा सा और चलते तो
सफ़र आसान था लेकिन ज़रा रस्ते संभलते तो,
जो टूटे हम तो कोई भी हमें संभाल न पाया
समेट लेता मैं उनको अगर जब वो बिखरते तो,
बहुत मुश्किल था मेरी ज़िन्दगी का रास्ता लेकिन
सफ़र आसान हो जाता अगर वो साथ चलते तो,
उसे हम चाहते है किस क़दर मालूम नहीं है
ख़ुशी से मर ही जाते हम अगर वो हम पे मरते तो,
मुहब्बत करता है लेकिन उसे मेरी जीत का डर है
मैं सब कुछ हार देता वो ज़रा इज़हार करते तो..!!
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