ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है

ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है
अक्स पर न इतराओ आईना हमारा है,

आप की ग़ुलामी का बोझ हम न ढोएँगे
आबरू से मरने का फ़ैसला हमारा है,

उम्र भर तो कोई भी जंग लड़ नहीं सकता
तुम भी टूट जाओगे तजुर्बा हमारा है,

अपनी रहनुमाई पर अब ग़ुरूर मत करना
आप से बहुत आगे नक़्श ए पा हमारा है..!!

~मंज़र भोपाली

गर्दिश ए साग़र सुबू के दरमियाँ

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