ये कामयाबियाँ इज़्ज़त ये नाम तुम से है
ऐ मेरी माँ मेरा सारा मक़ाम तुम से है,
तुम्हारे दम से हैं मेरे लहू में खिलते गुलाब
मेरे वजूद का सारा निज़ाम तुम से है,
गली गली में जो आवारा फिर रहा होता
जहान भर में वही नेक नाम तुम से है,
कहाँ बिसात ए जहाँ और मैं कमसिन ओ नादाँ
ये मेरी जीत का सब एहतिमाम तुम से है,
जहाँ जहाँ है मेरी दुश्मनी सबब मैं हूँ
जहाँ जहाँ है मेरा एहतिराम तुम से है,
ऐ मेरी माँ मुझे हरपल रहे तुम्हारा ख़याल
तुम ही से सुब्ह मेरी मेरी शाम तुम से है,
ये कामयाबियाँ इज़्ज़त ये नाम तुम से है
ऐ मेरी माँ मेरा सारा मक़ाम तुम से है..!!
~वसी शाह