यहाँ किसी को आवाज़ कहाँ उठाने देता है कोई
ज़रा सी आवाज़ करो तो गला दबा देता है हर कोई,
प्यास से मरते हुए को पानी की बूँद नहीं मिलती
ज़रा सी आग लग जाए तो हवा देता है हर कोई,
जिसके पास कुछ नहीं उसे कुछ नहीं मिलता
ख़ाली बर्तन को पीछे खिसका देता है हर कोई,
ये जुमला बड़ा मशहूर है ज़माने भर में कि
जिसके पास है उसे ही सहारा देता है हर कोई,
नसीहत करने वाले लाखो मिल जाते है लेकिन
ज़रूरत पड़ने पर किनारा कर लेता है हर कोई,
तुम काम आए तो ये तुम्हारी खुशनसीबी
वरना जहाँ में तन्हा भी गुज़ारा कर लेता है हर कोई..!!
~राहगीर