वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता मगर इन एहतियातों से ताअल्लुक़ …
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता मगर इन एहतियातों से ताअल्लुक़ …
कैसे होता है मुमकिन ये गवारा करना दिल में बसे हुए लोगो से किनारा करना, …
बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना अब मुझे छोड़ के दुनिया में …
मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं वो न होता तो ग़ज़ल मैं …
ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो हरगिज़ ना दुखाना दिल जो चोट …
चमन में जब भी सबा को गुलाब पूछते हैं तुम्हारी आँख का अहवाल ख़्वाब पूछते …
मिलने का भी आख़िर कोई इम्कान बनाते मुश्किल थी अगर कोई तो आसान बनाते, रखते …
तक़दीर की ग़र्दिश क्या कम थी उस पर ये क़यामत कर बैठे, बेताबी ए दिल …
तेरा लहजा तेरी पहचान मुबारक हो तुझे तेरी वहशत तेरा हैजान मुबारक हो तुझे, मैं …