दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है
दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है जो दश्त में मजनूँ था वो मरकज़ मे वली है, …
दुनियाँ ए अक़ीदत में अजब रस्म चली है जो दश्त में मजनूँ था वो मरकज़ मे वली है, …
तेरी हर बात चल कर भी यूँ मेरे जी से आती है कि जैसे याद की ख़ुशबू किसी …
नदी के पार उजाला दिखाई देता है मुझे ये ख़्वाब हमेशा दिखाई देता है, बरस रही हैं अक़ीदत …