कुएँ जो पानी की बिन प्यास चाह रखते हैं

कुएँ जो पानी की

कुएँ जो पानी की बिन प्यास चाह रखते हैं मगर नहंग भी दरिया की थाह रखते हैं, शहादत

फिर यूँ हुआ कि रास्ते यकज़ा नहीं रहे…

फिर यूँ हुआ कि

फिर यूँ हुआ कि रास्ते यकज़ा नहीं रहेवो भी अना परस्त था मैं भी अना परस्त, फिर यूँ