बशर तरसते है उम्दा खानों को…

बशर तरसते है उम्दा

बशर तरसते है उम्दा खानों को मौत पड़ती है हुक्मरानो को, ज़ुर्म आज़ाद फिर रहा है यहाँ बेकसों