मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें

मुझ से बेहतर तो

मुझ से बेहतर तो मिल गया है तुम्हें और अल्लह से क्या गिला है तुम्हें, हम इकट्ठे नहीं

वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं

वो दिलनवाज़ है लेकिन

वो दिलनवाज़ है लेकिन नज़रशनास नहीं मेरा इलाज मेरे चारागर के पास नहीं, तड़प रहे हैं ज़बाँ पर

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है

झूठ का बोलना आसान

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बाद यही

दूसरा फ़ैसला नहीं होता

हसीं चेहरों से सूरत

दूसरा फ़ैसला नहीं होता इश्क़ में मशवरा नहीं होता, ख़ुद ही सौ रास्ते निकलते हैं जब कोई रास्ता

वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे

वो काश मान लेता

वो काश मान लेता कभी हमसफ़र मुझे तो रास्तो के पेच का होता न डर मुझे, बेशक ये

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है

ये मोहब्बत जो मोहब्बत

ये मोहब्बत जो मोहब्बत से कमाई हुई है आग सीने में उसी ने तो लगाई हुई है, एक

तेरा हाथ हाथ में हो अगर

तेरा हाथ हाथ में

तेरा हाथ, हाथ में हो अगर तो सफर ही असल ए हयात है, मेरे हर कदम पे हैं

जाने क्यूँ बर्बाद होना चाहता है

जाने क्यूँ बर्बाद होना

जाने क्यूँ बर्बाद होना चाहता है सूरत ए फ़रहाद होना चाहता है, ज़ेहन से आख़िर में अब थक

दिल के लूट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं

दिल के लूट जाने

दिल के लूट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं ये तमाशा सर ए बाज़ार ज़रूरी तो नहीं, मुझे

हमारे सब्र के दामन को तार तार न कर

हमारे सब्र के दामन

हमारे सब्र के दामन को तार तार न कर निगाह ए जोक तलब इतना बे क़रार न कर,