कितने ही पेड़ ख़ौफ़ ए ख़िज़ाँ से उजड़ गए…
कितने ही पेड़ ख़ौफ़ ए ख़िज़ाँ से उजड़ गए कुछ बर्ग ए सब्ज़ वक़्त से …
कितने ही पेड़ ख़ौफ़ ए ख़िज़ाँ से उजड़ गए कुछ बर्ग ए सब्ज़ वक़्त से …
हो जाएगी जब तुम से शनासाई ज़रा और बढ़ जाएगी शायद मेरी तन्हाई ज़रा और, …
जीवन को दुख दुख को आग और आग को पानी कहते बच्चे लेकिन सोए हुए …