मैं सुन रहा हूँ जो दुनियाँ सुना रही है मुझे

main sun raha hoo jo duniyan suna rahi hai

मैं सुन रहा हूँ जो दुनियाँ सुना रही है मुझे हँसी तो अपनी ख़ामोशी पे आ रही है

कैसी महफ़िल है ज़ालिम तेरे शहर में…

kaisi mahfil hai zalim tere shahar me

कैसी महफ़िल है ज़ालिम तेरे शहर में यहाँ हर कोई ही डूबा हुआ है ज़हर में, एक बच्ची

चेहरे की हसी भी दिखावट सी हो रही है…

chehre ki hasi bhi dikhawat si ho rahi

चेहरे की हसी भी दिखावट सी हो रही है असल ज़िन्दगी भी बनावट सी हो रही है, अनबन

सच ये है कि बेकार का ही हमें गम…

sach ye hai ki bekaar ka hi hame gam hota hai

सच ये है कि बेकार का ही हमें गम होता है जैसा हम चाहे दुनियाँ में वो बहुत

अमूमन मेरी हसरत को चाहत का…

amuman meri hasrat ko chahat ka

अमूमन मेरी हसरत को चाहत का नाम दे गये लोग जीश्त को इन्तेहा ए आशिकी का पैग़ाम दे

ख़्वाबो को मेरे प्यार की ताबीर बख्श दे

khwabo ko mere pyar ki tabir

ख़्वाबो को मेरे प्यार की ताबीर बख्श दे दिल को मेरे इश्क़ की ज़ागीर बख्श दे, कब से

उलझे काँटों से कि खेले गुल ए तर से…

uljhe kaanto se ki khele gul e tar

उलझे काँटों से कि खेले गुल ए तर से पहले फ़िक्र ये है कि सबा आए किधर से

वही हुस्न ए यार में है वही लाला ज़ार में है

wahi husn e yaar me hai wahi lalazar

वही हुस्न ए यार में है वही लाला ज़ार में है वो जो कैफ़ियत नशे की मय ए

वही है वहशत वही है नफ़रत आख़िर…

wahi hai wahshat wahi hai nafrat aakhir

वही है वहशत वही है नफ़रत आख़िर इस का क्या है सबब ? इंसाँ इंसाँ बहुत रटा है

वही दर्द है वही बेबसी तेरे गाँव में मेरे…

wahi dard wahi bebasi tere gaanv mere shahar me

वही दर्द है वही बेबसी तेरे गाँव में मेरे शहर में बे गमो की भीड़ में आदमी तेरे