एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा

एक अजनबी ख्याल में

एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा एक अजनबी ख़याल में ख़ुद से जुदा रहा नींद आ

आइने का मुँह भी हैरत से खुला रह जाएगा

आईने का मुँह भी

आइने का मुँह भी हैरत से खुला रह जाएगा जो भी देखेगा तुझे वो देखता रह जाएगा, हम

मोहब्बत के सिवा हर्फ़ ओ बयाँ से कुछ नहीं होता

मोहब्बत के सिवा हर्फ़

मोहब्बत के सिवा हर्फ़ ओ बयाँ से कुछ नहीं होता हवा साकिन रहे तो बादबाँ से कुछ नहीं

जब से उनका ख्याल रखा है

जब से उनका ख्याल

जब से उनका ख्याल रखा है दिल ने मुश्किल में डाल रखा है, उन पर दिल ये आ

कहो तो आज दिल ए बे क़रार कैसे हो ?

कहो तो आज दिल

कहो तो आज दिल ए बे क़रार कैसे हो ? शब ए अलम के सताए नज़ार कैसे हो

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है

भीगा हुआ है आँचल

भीगा हुआ है आँचल आँखों में भी नमी है फैला हुआ है काजल आँखों में भी नमी है,

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग

अपने साये से भी

अपने साये से भी अक्सर डर जाते है लोग जाने अनजाने में गुनाह कर जाते है लोग, लिखी

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा

ज़िन्दगी ने लिया है

ज़िन्दगी ने लिया है ऐसा इम्तिहाँ मेरा सदा ही साथ रहा है गम ए दौराँ मेरा, दिन ओ

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं

duniya ki bulandi ke talabgar nahi ahi

दुनियाँ की बुलंदी के तलबगार नहीं हैं हम अहल ए ख़िरद तेरे परस्तार नहीं हैं, बरगद की तरह

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे

jis waqt vaalidain ne janaje uthaye honge

जिस वक़्त वालिदैन ने जनाज़े उठाये होंगे उस वक़्त कितने खून के आँसू बहाए होंगे, मुंसफ सज़ा कहाँ