बाम पर आता है हमारा चाँद

baam par aata hai

बाम पर आता है हमारा चाँद आसमाँ से करे किनारा चाँद, आप ही की तलाश में साहब गर्दिशें

पहलू में बैठ कर वो पाते क्या ?

pahlu me baith kar

पहलू में बैठ कर वो पाते क्या दिल तो था ही नहीं चुराते क्या ? हिज्र में ग़म

तुम्हारे हाथ से कल हम भी रो लिए साहिब

tumhare haath se kal

तुम्हारे हाथ से कल हम भी रो लिए साहिब जिगर के दाग़ जो धोने थे धो लिए साहिब,

सब ने मिलाए हाथ यहाँ तीरगी के साथ

sab ne milaye haath

सब ने मिलाए हाथ यहाँ तीरगी के साथ कितना बड़ा मज़ाक़ हुआ रौशनी के साथ, शर्तें लगाई जाती

लहू न हो तो क़लम तर्जुमाँ नहीं होता

lahoo na ho to

लहू न हो तो क़लम तर्जुमाँ नहीं होता हमारे दौर में आँसू ज़बाँ नहीं होता, जहाँ रहेगा वहीं

मैं आसमाँ पे बहुत देर रह नहीं सकता

main aasmaan pe bahut

मैं आसमाँ पे बहुत देर रह नहीं सकता मगर ये बात ज़मीं से तो कह नहीं सकता, किसी

किसी के ज़ख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा

kisi ke zakhm par

किसी के ज़ख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा ?

ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद हमारी है

ye hai to sab

ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद हमारी है इस एक बात पे दुनिया से जंग

मेरी बाहों पे तेरी ज़ुल्फ़ जो लहराई है

meri baahon pe teri

मेरी बाहों पे तेरी ज़ुल्फ़ जो लहराई है मैं ये समझा कि बियाबाँ में बहार आई है नाम

मिलें हम कभी तो ऐसे कि हिजाब भूल जाए

mile ham kabhi to

मिलें हम कभी तो ऐसे कि हिजाब भूल जाए मैं सवाल भूल जाऊं तू जवाब भूल जाए, तू