जो भी मिले क़ुबूल है दें हाँ या न जवाब
जो भी मिले क़ुबूल है दें हाँ या न जवाब देखें मेंरे सवाल का देंगे वो क्या जवाब,
जो भी मिले क़ुबूल है दें हाँ या न जवाब देखें मेंरे सवाल का देंगे वो क्या जवाब,
आँखों से मेरे ख़्वाब चुराती रही है रात ख़ुद भी जगी है मुझको जगाती रही है रात, आँखें
दिल भी जलाया उस ने जो मेरा जलाया ख़त अफ़सोस मैं ने जा के उसी को पढ़ाया ख़त,
सच कहने से यार ख़फ़ा हो जाते हैं दिल के सब अरमान हवा हो जाते हैं, हद से
तुम को वफ़ा से क्या मतलब है जाओ अपना काम करो दिन भर भटके आवारा से अब जा
मेरी जैसी उस की हालत कब होगी उस को जाने मुझ से मोहब्बत कब होगी उस के लिए
दिल में जगह दूँ तुम को अपने पहले से हैं मेहमान बहुत तुम देखो कोई और ठिकाना हो
चलो तुम को मिलाता हूँ मैं उस मेहमान से पहले जो मेरे जिस्म में रहता था मेरी जान
बाहर नहीं तो ख़ुद ही के अंदर तलाश कर सहरा है जिस जगह पे समुंदर तलाश कर, मुमकिन
एक ग़म ही तो यार है अपना दिल जो उन पर निसार है अपना, हम तो कब के