चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है,
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है,
इतनी मुद्दत बाद मिले हो किन सोचों में गुम फिरते हो ? इतने ख़ाइफ़ क्यूँ रहते हो ?
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया, यूँ तो हर
हम को किस के ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही किस ने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता, तेरे
दिल में एक लहर सी उठी है अभी कोई ताज़ा हवा चली है अभी, कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता
जब से तू ने मुझे दीवाना बना रखा है संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है,
घुटन भी देख रही है मुझे हैरानी से कहीं मैं ऊब ही जाऊँ न उस जवानी से, सज़ा
इस मिट्टी को ऐसे खेल खिलाया हम ने ख़ुद को रोज़ बिगाड़ा रोज़ बनाया हम ने, जो सोचा