आहट पे कान दर पे नज़र इस तरह न थी

aahat pe kaan dar pe nazar is tarah

आहट पे कान दर पे नज़र इस तरह न थी एक एक पल की हम को ख़बर इस

ये कामयाबियाँ इज़्ज़त ये नाम तुम से है

ye kaamyabiyan izzat ye naam tum se hai

ये कामयाबियाँ इज़्ज़त ये नाम तुम से है ऐ मेरी माँ मेरा सारा मक़ाम तुम से है, तुम्हारे

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है

ab koi gulshan na ujde ab watan

अब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है रूह गंगा की हिमाला का बदन आज़ाद है, खेतियाँ

ख़त के छोटे से तराशे में नहीं आएँगे

khat ke chhote se tarashe me nahi

ख़त के छोटे से तराशे में नहीं आएँगे ग़म ज़ियादा हैं लिफ़ाफ़े में नहीं आएँगे, हम न मजनूँ

तुम्हारा हिज्र मनाया तो मैं अकेला था

tumhara hizr manaya to main

तुम्हारा हिज्र मनाया तो मैं अकेला था जुनूँ ने हश्र उठाया तो मैं अकेला था, ये मेरी अपनी

कह गया हूँ जो मैं रवानी में

kah gaya hoon jo main

कह गया हूँ जो मैं रवानी में वो तो शामिल न था कहानी में, कोई लग़्ज़िश गुनाह तौबा

अदाएँ तुम बना लेना इशारे मैं बनाऊँगा

adaayen tum bana lena ishaare main

अदाएँ तुम बना लेना इशारे मैं बनाऊँगा तुम्हारे फूल जज़्बों को शरारे मैं बनाऊँगा, तुम्हारा साथ शामिल है

दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म आते हैं

dil me ab yun tere bhule hue

दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म आते हैं जैसे बिछड़े हुए काबे में सनम आते हैं,

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं

tumhari yaad ke jab zakhm bharne

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं, हदीस ए यार

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हाथ में तेरा हाथ नहीं

kab yaad me tera sath nahin

कब याद में तेरा साथ नहीं कब हाथ में तेरा हाथ नहीं सद शुक्र कि अपनी रातों में