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समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं…

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समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती …

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महफ़िल से मुझको उठाने के बाद क्या मिलेगा दिल दुखाने के बाद…

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महफ़िल से मुझको उठाने के बाद क्या मिलेगा दिल दुखाने के बाद, आज तो देख लूँ मैं तुम्हे …

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अपने हो कर भी जो नहीं मिलते…

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अपने हो कर भी जो नहीं मिलते दिल ये जा कर है क्यूँ वही मिलते ? यहाँ मिलती …

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यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे…

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यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे वो खुल रहा है मुसलसल ज़रा ज़रा मुझसे, मैं शाख …

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तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं…

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तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं दुनियाँ भी गई इश्क़ में, तुझसे भी गया …

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इस मुहब्बत के करम से पहले…

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इस मुहब्बत के करम से पहले ख़ुद को जीता था मैं तुमसे पहले, हसरत ओ यास ओ अलम …

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तुझे क्या बताऊँ ऐ दिलरुबा तेरे सामने मेरा हाल है…

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तुझे क्या बताऊँ ऐ दिलरुबा तेरे सामने मेरा हाल है मुझे जुस्तुजू है फ़क़त तेरी मुझे सिर्फ़ तेरा …

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ज़हे क़िस्मत अगर तुम को हमारा दिल पसंद आया…

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ज़हे क़िस्मत अगर तुम को हमारा दिल पसंद आया मगर ये दाग़ क्यूँ कर ऐ मह-ए-कामिल पसंद आया, …

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ख़ुद को न ऐ बशर कभी क़िस्मत पे छोड़ तू…

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ख़ुद को न ऐ बशर कभी क़िस्मत पे छोड़ तू दरिया की तेज धार को हिम्मत से मोड़ …

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सुना कर हाल क़िस्मत आज़मा कर लौट आए हैं…

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सुना कर हाल क़िस्मत आज़मा कर लौट आए हैं उन्हें कुछ और बेगाना बना कर लौट आए हैं, …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे