लम्हे लम्हे के सियासत पर नज़र रखते है
हमसे दीवाने भी दुनियाँ की ख़बर रखते है
इतने नादान भी नहीं हम कि भटक कर रह जाए
निगाहों में कोई मंज़िल ना सही रहगुज़र रखते है
मार ही डाले बेमौत ये दुनियाँ वाले
अगर हम ज़िन्दा है तो जीने का हुनर रखते है
इस क़दर हमसे तगाफुल ना बरतिए साहब !
हम कुछ अपने दुआओं में भी असर रखते है..!!