एक उम्र गुजारी है जिसके साये में

ek umr guzari hai jiske saaye me

जब से वो मुझे भुलाये जा रही है कोई बला मेरा दिल खाए जा रही है, एक उम्र

ये दिल बे इख़्तियार ओ बे इरादा खेलता रहता है

ye dil be ikhtiyar o be irada khelta rahta hai

ये दिल बे इख़्तियार ओ बे इरादा खेलता रहता है ख़िरद के हुक्म पर दिल की इताअत कौन

फ़लक पे चाँद के हाले भी सोग करते हैं

falaq pe chaand ke haale bhi sog karte hain

फ़लक पे चाँद के हाले भी सोग करते हैं जो तू नहीं तो उजाले भी सोग करते हैं,

दिल होश से बेगाना बेगाने को क्या कहिए

dil hosh se begana begane ko kya

दिल होश से बेगाना बेगाने को क्या कहिए चुप रहना ही बेहतर है दीवाने को क्या कहिए कुछ

मेरी आँखों के समुंदर में जलन कैसी है

meri aankhon ke samndar me jalan kaisi hai

मेरी आँखों के समुंदर में जलन कैसी है आज फिर दिल को तड़पने की लगन कैसी है ?

कैसा मफ़्तूह सा मंज़र है कई सदियों से

kaisa maftooh saa manzar hai

कैसा मफ़्तूह सा मंज़र है कई सदियों से मेरे क़दमों पे मेरा सर है कई सदियों से, ख़ौफ़

किस क़दर ज़ुल्म ढाया करते थे

kis qadar zulm dhaya karte the

किस क़दर ज़ुल्म ढाया करते थे ये जो तुम भूल जाया करते थे, किस का अब हाथ रख

ज़िहानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला

zihanto ko kahan karb se farar mila

ज़िहानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला जिसे निगाह मिली उस को इंतिज़ार मिला, वो कोई राह का

मेरी तेरी दूरियाँ हैं अब इबादत के ख़िलाफ़

meri teri dooriyan hai ab ibadat ke khilaf

मेरी तेरी दूरियाँ हैं अब इबादत के ख़िलाफ़ हर तरफ़ है फ़ौज आराई मोहब्बत के ख़िलाफ़, हर्फ़ ए

ठहरे जो कहीं आँख तमाशा नज़र आए

thahare jo kahin aankh tamasha nazar aaye

ठहरे जो कहीं आँख तमाशा नज़र आए सूरज में धुआँ चाँद में सहरा नज़र आए, रफ़्तार से ताबिंदा