ग़म ए आशिक़ी से कह दो रह ए आम तक न पहुँचे

gam e ashiqui se kah do rah e aam tak na pahunche

ग़म ए आशिक़ी से कह दो रह ए आम तक न पहुँचे मुझे ख़ौफ़ है ये तोहमत तेरे

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया

ae mohabbat tere anjaam pe rona aaya

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया ? यूँ तो

मेरे हमनफ़स मेरे हमनवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

mere humnafas mere humnawa mujhe dost ban ke daga na de

मेरे हमनफ़स मेरे हमनवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे मैं हूँ दर्द ए इश्क़ से जाँ

गुलों में रंग भरे बाद ए नौ बहार चले

gulon me rang bhare baad e nau bahar chale

गुलों में रंग भरे बाद ए नौ बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले, क़फ़स

दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है

dil e naadaan tujhe hua kya hai

दिल ए नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है ? हम हैं मुश्ताक़

कोई समझेगा क्या राज़ ए गुलशन

koi samjhega kya raaj e gulshan

कोई समझेगा क्या राज़ ए गुलशन जब तक उलझे न काँटों से दामन, यक ब यक सामने आ

साक़िया तू ने मेरे ज़र्फ़ को समझा क्या है

saaqiya tu ne mere zarf ko samjha kya hai

साक़िया तू ने मेरे ज़र्फ़ को समझा क्या है ज़हर पी लूँगा तेरे हाथ से सहबा क्या है

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते

duniya e tasavvur hum aabaad nahin karte

दुनिया ए तसव्वुर हम आबाद नहीं करते याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते, वो

ये बहार का ज़माना ये हसीं गुलों के साए

ye bahaar ka zamana ye hasin gulon ke saaye

ये बहार का ज़माना ये हसीं गुलों के साए मुझे डर है बाग़ बाँ को कहीं नींद आ

ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम

gam se kahin nazaat mile chain paayen hum

ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम दिल ख़ून में नहाए तो गंगा नहाएँ हम, जन्नत में