तस्कीन न हो जिस में वो राज़ बदल डालो

taskeen na ho jis me wo raaz badal daalo

तस्कीन न हो जिस में वो राज़ बदल डालो जो राज़ न रख पाए हमराज़ बदल डालो, तुम

रहोगे हम से कब तक बेख़बर से

rahoge hum se kab tak bekhabar se

रहोगे हम से कब तक बेख़बर से जुदा होती नहीं दीवार दर से, मुसाफ़िर हाल क्या अपना सुनाए

हालात पर निगाह रुतों पर नज़र न थी

halaat par nigaah ruto par nazar na thi

हालात पर निगाह रुतों पर नज़र न थी जब तक रहे चमन में चमन की ख़बर न थी,

इतना सैराब होने वाला था

itna sairab hone wala tha

इतना सैराब होने वाला था मैं तह ए आब होने वाला था, तेज़ उस हुस्न की हरारत थी

अनगिनत फूल इंतिख़ाब गुलाब

anginat phool intikhab gulab

अनगिनत फूल इंतिख़ाब गुलाब आदतें कर गया ख़राब गुलाब, वो है नाराज़ उस की चौखट पर ले के

मेरे क़ातिल को पुकारो कि मैं जिंदा हूँ अभी

mere qatil ko pukaro ki main zinda hoon abhi

मेरे क़ातिल को पुकारो कि मैं जिंदा हूँ अभी फिर से मक़तल को सँवारों कि मैं जिंदा हूँ

कोई हो दर्द ए मुसलसल तो नींद आती है

koi ho dard e musalsam to neend aati hai

कोई हो दर्द ए मुसलसल तो नींद आती है बदन में हो कोई हलचल तो नींद आती है,

कुछ न इस काम में किफ़ायत की

kuch na is kaam me kifayat kee

कुछ न इस काम में किफ़ायत की मैं ने दिल खोल कर मोहब्बत की, सस्ते दामों कहाँ मैं

शजर में शजर सा बचा कुछ नहीं

shazar me shazar sa bacha kuch bhi nahin

शजर में शजर सा बचा कुछ नहीं हवाओं से फिर भी गिला कुछ नहीं, कहा क्या गुज़रते हुए

फ़ैसले वो न जाने कैसे थे

faisle wo na jaane kaise the

फ़ैसले वो न जाने कैसे थे रात की रात घर से निकले थे, याद आते हैं अब भी