हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है….
हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है अश्क खुनी है आह ज़ारी है, हम ही पागल थे जान दे बैठे …
हमने कैसे यहाँ गुज़ारी है अश्क खुनी है आह ज़ारी है, हम ही पागल थे जान दे बैठे …
मैंने माना कि तुम ज़ालिम नहीं हो मगर क्या मालूम था कि हम तुमसे डर जाएँगे, तेरी याद …
उम्र कहते है जिसे साँसों की एक जंज़ीर है चश्म ए बीना में हर के लम्हा नई तस्वीर …
हमें कोई गम न था, गम ए आशिकी से पहले न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से …
हमने सुना था फ़रिश्ते जान लेते है खैर छोड़ो ! अब तो इन्सान लेते है, इश्क़ ने ऐसी …
हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे ये ज़िन्दगी तो कोई बद्दुआ लगे है मुझे, …
हर शख्स का जीना यहाँ आसान नहीं है मुश्किल से मिले वो जो परेशान नहीं है, हर शख्स …
हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे ये शहर मुझको तो यारो कोई भँवर सा लगे, …
रोज़मर्रा वही सब ख़बर देख कर अब तो पत्थर हुआ ये ज़िगर देखिए, सड़के चलने लगी आदमी रुक …
ज़िन्दगी का बोझ उठाना पड़ेगा गर ज़िन्दा हो तो दिखाना पड़ेगा, लगने लगे जो मसला ये ज़िन्दगी तो …