काली रात के सहराओं में नूर सिपारा लिखा था
काली रात के सहराओं में नूर सिपारा लिखा था जिस ने शहर की दीवारों पर पहला ना’रा लिखा …
काली रात के सहराओं में नूर सिपारा लिखा था जिस ने शहर की दीवारों पर पहला ना’रा लिखा …
उधर की शय इधर कर दी गई है ज़मीं ज़ेर ओ ज़बर कर दी गई है, ये काली …
न घर है कोई, न सामान कुछ रहा बाक़ी नहीं है कोई भी दुनिया में सिलसिला बाक़ी, ये …
सवालो के बदले लहज़े ऐसे कि हमें जानते ही न हो जैसे, मिजाज़ मौसम भी न बदले वो …
कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया एक बार नहीं बल्कि बार बार आया, भूल चुका …
भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, हम ही ने …
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह …
क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब …
इश्क़ कर के मुक़र गई होगी वो तो लड़की है डर गई होगी, आदतें सब ख़राब कर के …
आग बहते हुए पानी में लगाने आई तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई, फिर तेरी याद …