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काली रात के सहराओं में नूर सिपारा लिखा था

kaali raat ke sahraao me

काली रात के सहराओं में नूर सिपारा लिखा था जिस ने शहर की दीवारों पर पहला ना’रा लिखा …

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उधर की शय इधर कर दी गई है

उधर की शय इधर

उधर की शय इधर कर दी गई है ज़मीं ज़ेर ओ ज़बर कर दी गई है, ये काली …

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न घर है कोई न सामान कुछ रहा बाक़ी

न घर है कोई

न घर है कोई, न सामान कुछ रहा बाक़ी नहीं है कोई भी दुनिया में सिलसिला बाक़ी, ये …

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सवालो के बदले लहज़े ऐसे…

sata le hamko jo dilchaspi hai unhe hamko satane me

सवालो के बदले लहज़े ऐसे कि हमें जानते ही न हो जैसे, मिजाज़ मौसम भी न बदले वो …

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कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया

kuch baat hai ki aaj khyal e yaar aaya

कुछ बात है कि आज ख्याल ए यार आया एक बार नहीं बल्कि बार बार आया, भूल चुका …

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भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे

bhala gamo se kahan haar jaane wale the

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे, हम ही ने …

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उदास एक मुझी को तो कर नही जाता

उदास एक मुझी को

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता, वह …

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क्या सरोकार अब किसी से मुझे…

क्या सरोकार अब किसी

क्या सरोकार अब किसी से मुझे वास्ता था तो था बस तुझी से मुझे, बेहिसी का भी अब …

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इश्क़ कर के मुक़र गई होगी…

इश्क कर के मुकर

इश्क़ कर के मुक़र गई होगी वो तो लड़की है डर गई होगी, आदतें सब ख़राब कर के …

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आग बहते हुए पानी में लगाने आई

आग बहते हुए पानी

आग बहते हुए पानी में लगाने आई तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई, फिर तेरी याद …

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

वो जो दिल में तेरा मुक़ाम है

दिल की दुनिया में

दिल की दुनिया में दुनिया न आये कभी

लिबास तन से उतार

लिबास तन से उतार देना, किसी को बांहों के हार देना

मुक़म्मल दो ही दानों

मुक़म्मल दो ही दानों पर ये तस्बीह ए मुहब्बत है

तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

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Yusuf na the magar

युसुफ़ न थे मगर सर ए बाज़ार आ गए

एक सूरज था कि

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा

जुस्तुजू खोए हुओं की

जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहे